☆☆☆   कविता    ☆☆☆

प्रबुद्ध भारत हमारा है !

ऐ जुल्मो सितम ढाने वालो
हमने भी तुम्हे ललकारा है .
जितना है तुम्हारा भारत पर
उतना ही अधिकार हमारा है.

(खैरलांजी/हाथरस)
माँ को तुने माँ नसमझा
अबला को ना समझा बहन
पाश्लिक ये तुम्हारी क्रुरता
अब ना करेंगे इसको सहन .
कानुन हे तुम्हारे हाथों मे
पर वो संविधान हमारा है .
ऐ जुल्मो सितम ढाने वालो
हमने भी तुम्हे ललकारा है .
जितना है तुम्हार भारत पर
उतना ही अधिकार हमारा है .

( बुद्धत्व )
सत्य अहिंसा पर हम पुरे
फिर क्यो शमशीर और बम के जखीरे
हथियारो की हमे अब जरुरत ही नही
जयभीम ही शस्त्र हमारा है
ऐ जुल्मो सितम ढाने वालो
हमने भी तुम्हे ललकारा है…
कानुन है तुम्हारे हाथो मे
पर वो संविधान हमारा है

( पाखंडवाद )
ब्रम्हा विष्णू कब थे आये
और कैसा तुम्है सग्यान दिया
गौतम बुद्ध संत कबीर
अशोका ने यहाँ पर जन्म लिया .
हिन्दु राष्ट्र की कल्पना ही झुठी
ऐ प्रबुद्ध भारत हमारा है .

ऐ जुल्मो सितम ढाने वालो
हमने भी तुम्हे ललकारा है .
कानुन है तुम्हारे हाँथो मे
पर वो संविधान हमारा है
अरे काहेका तुम्हारा भारत पर
सारा ही अधिकार हमारा है .

वो संविधान हमारा है .
ऐ प्रबुध्द भारत हमारा है
प्रबुद्ध भारत हमारा है
प्रबुद्ध भारत हमारा है .

सुधीर पाटील

सेनाध्यक्ष नागपुर 

अशोक सम्राट सेना भारत

मो .नं.9284222735

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here