दरेकसा केन्द्र शाला अंतर्गत जिला परिषद की१४ शालाओं का समावेश था परन्तु दंडारी,मुरकुड्डोह की शालाएं बंद होने के पश्चात १२ शालाएं नियमित रूप से शुरू हैं।
धुर्व कुमार हुकरे
जमाकुडो प्रतिनिधी
मो:9404839323
गोंदिया जिले के पालक मंत्री श्री सुधीर भाऊ जी मुनगंटीवार मुरकुड्डोह में पोलीस केंप के नई इमारत के शिलान्यास अवसर पर ग्रामवासियों द्वारा समस्या निवारण हेतु पालक मंत्री जी को आवेदन सौंपा जिसमें शाला की समस्या समाहित होने तथा पत्रकारों द्वारा पालक मंत्री को शाला नहीं होने संबंधी प्रश्र उपस्थित किए जाने की वजह पालक मंत्री श्री सुधीर भाऊ मुनगंटीवार जी ने संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को ताबड़तोड़ समस्या निवारण हेतु निर्देश दिए जाने पर जिला परिषद शिक्षा विभाग तुरंत हरकत में आई और मुरकुड्डोह,दंडारी में शाला शुरू करने बाबत पहल कर लोगों को आश्वस्त किया गया है।
दरेकसा केन्द्र शाला अंतर्गत जिला परिषद की१४ शालाओं का समावेश था परन्तु दंडारी,मुरकुड्डोह की शालाएं बंद होने के पश्चात १२ शालाएं नियमित रूप से शुरू हैं। जिनमें १.दरेकसा शाला यह १९१३ से सतत शुरू है। जहां पर पहले २ री, फिर ४ थी पश्चात ७ वी तक कक्षाएं शुरू है।२. बिचारपुर शाला १९५८ में खुली है लेकिन यह शाला भी ५-७वर्ष तक कभी शुरू तो कभी बंद हुआ करती थी,१९८०-८१ से अभी सतत शुरू है। यहां भी वर्तमान में ७ कक्षाएं शुरू हैं। ३.बंजारी की शाला १९६२ में खुली और १९६५-६६ में बंद हो गई १९८०-८१ से पुनः सतत शुरू है। यहां भी ७ कक्षाएं शुरू हैं।४. टोयागोंदी शाला १९६६ में खुली कभी बंद कभी शुरू हुआ करती थी १९८०- ८१ है सतत शुरू है यहां भी ४ कक्षाएं शुरू हैं।५. चांदसुरज शाला १९८१ में खुली सतत शुरू है यहां ४कक्षाएं शुरू हैं।६. कोपालगड १९८१ में खुली और यह शाला भी कभी शुरू कभी बंद रही है और वर्तमान में शुरू है।७.दलदलकुही शाला २००८ में खुली कभी बंद कभी शुरू हालात में रही वर्तमान में शुरू है।८.बेवरटोला शाला बांध बन जाने की वजह गांव का पुनर्वसन होने पर बंद करने में आई।९.बोईरटोला शाला २००८ में खुलने के बाद से सतत शुरू है।१०. डहाराटोला शाला१९९२ खुलने के बाद से सतत शुरू है.११. मुरकुड्डोह शाला खुलने के बाद कभी बंद कभी शुरू रही २०१६ से बंद है।१२.दंडारी शाला भी कभी बंद कभी शुरू रही २०१६ से बंद है।१३. ठुबरूटोला शाला २००९खुलने के बाद से सतत शुरू है यहां ४ कक्षाएं शुरू हैं।१४. दल्लाटोला शाला २००८ में खुली और सतत शुरू है।
दल्लाटोला शाला, बोईरटोला शाला, दलदलकुही शाला,दंडारी शाला और मुरकुड्डो शाला ये पहले जिला परिषद, फिर बंद होने के बाद वस्तीशाला में परिवर्तित हुई बाद में२००८ से जिला परिषद शाला के तहत शुरू हैं। जबकि २०१६ में जिला शिक्षा अधिकारी गोंदिया द्वारा दंडारी,मुरकुड्डोह की शालाएं विद्यार्थियों की अनुपस्थिति की वजह बंद करने में आई।
इस प्रकार जिला परिषद की शालाएं शूरु बंद होने की वजह स्थानिक पालक, शाला में कार्यरत शिक्षक, प्रायवेट शालाओं तथा आश्रम शालाओं के ओर से पालकों को प्रलोभन देकर संबंधित जिला परिषद शाला क्षेत्र के विद्यार्थियों को बाहरी शालाओं में दाखिला करवाने की वजह सभी जिला परिषद शालाओं में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या कम हो जाने की वजह शाला में कक्षाओं के हिसाब से शिक्षकों की कमी की शिकायतें हरेक जिला परिषद शालाओं की है। जिला परिषद की शालाएं शूरु रखने या फिर बंद करने हेतु भविष्य में पालक वर्ग पर ही जिम्मेदारी निर्भर होगा।